Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari​

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Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari​

Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari​ A life of solitude and painful poetry have profoundly reflected human emotions. In this poem, the intensity of loneliness, silence of grief and heartache are presented in a very beautiful way. The poet conveys the feeling of loneliness in such a way that the reader feels himself in the pain, as if he is bearing these feelings himself.

Bitterness of loneliness, bitterness of memories and lack of happiness are mentioned in this poetry. The poet reflects on how loneliness creates an emptiness in the heart, and its consequences affect various aspects of life. The plight of those who experience loneliness in life’s journeys is described in depth, describing the lack of love and the absence of relationships.

This poetry is actually the story of man’s inner struggle, where he faces his own self and makes his pain a part of poetry. This poetry of loneliness leaves a deep wound in the heart, highlighting the truths of human loneliness and basic human feelings. Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari​ | New Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari​ | Sad Shayari On Life

इस अकेलेपन में क्या कहें,
सबको खो दिया है हमने।

ज़िंदगी में अक्सर ऐसे मोड़ आते हैं,
जब अपने ही अजनबी बन जाते हैं।

जब से तुम चले गए हो,
हर लम्हा एक सजा लगती है।

तन्हाई की राहों में चलना पड़ा मुझे,
हंसी छुपाकर दर्द सहना पड़ा मुझे।

तन्हा रहकर भी मैं अपने दर्द को महसूस करता हूँ,
ये दुनिया तो बस एक दिखावा है।

हर मुस्कान के पीछे एक छुपा हुआ दर्द है,
जो सिर्फ मैं जानता हूँ।

हर रात एक नए ख्वाब के साथ जागता हूँ,
पर सुबह फिर अकेलेपन का सामना करना पड़ता है।

तुमसे बिछड़ने के बाद,
मुझे एहसास हुआ कि तन्हाई क्या होती है।

इस दिल के वीराने में बस तेरा ही नाम है,
बाकी सब तो बस एक खालीपन है।

अकेलेपन का ये आलम अब सहन नहीं होता,
तन्हाई में भी अब कोई सुकून नहीं होता।

दिल की सुनता हूँ पर कोई सुनने वाला नहीं है,
ये तन्हाई का आलम मेरे साथ है।

जबसे तुम गए हो,
ज़िंदगी ने भी रंग खो दिए हैं।

खामोशियों में बसी हैं तेरी यादें,
जो तन्हाई को और गहरा कर देती हैं।

अकेलापन ही सच्चा साथी बन गया है,
खुशियों का तो कोई वजूद ही नहीं।

तन्हाई की ये लहरें जब उठती हैं,
दिल के दर्द को और गहरा कर देती हैं।

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