Munawar Faruqui Shayari
Munawar Faruqui Shayari is known for its poignant and reflective themes, often touching upon the harsh realities of life, love, and human nature. His verses are marked by a blend of wit, satire, and deep emotion, capturing the struggles of modern life and the complexities of relationships. Through his Shayari, Munawar highlights the pain of betrayal, the loneliness of existence, and the ironies of society, while also sprinkling moments of hope and resilience. His words resonate with many for their relatability and the way they mirror the everyday experiences and feelings of ordinary people.
कभी-कभी लगता है, जैसे ये दुनिया ही मजाक है, हर इंसान अपने-अपने किरदार में बकवास है।
दिलों में नफरतें, जुबां पर मीठी बातें, हम कितने बदल गए हैं, इंसान से शैतान बनने में।
जो दिलों को समझते हैं, वही इंसानियत की बात करते हैं, वरना जो खुद में ही उलझे हैं, वो हर वक्त दूसरों पर सवाल करते हैं।
हसरतें बहुत हैं, पर वक्त कम है, चलो जरा जी लें, जिंदगी का हर लम्हा हमदम है।
जिंदगी में हर कोई धोखा देता है, पर हर किसी से दिल नहीं लगाया जाता।
अकेलापन ही सच्चा साथी है, बाकी सब रिश्ते तो बस दिखावा है।
कभी हम भी मुस्कुराते थे, अब तो बस वक्त की मार खाते हैं।
दिल की बात करने से पहले, इंसान का दिल देख लेना चाहिए।
जो लोग दिल के सच्चे होते हैं, उन्हें दुनिया का हर दर्द सहना पड़ता है।
हंसने वालों को भी रोना पड़ता है, और रोने वालों को कोई नहीं समझता।
मोहब्बत में कोई सही नहीं होता, बस वक्त के साथ सब बदल जाते हैं।
जिंदगी एक किताब है, जिसमें हर पन्ने पर एक नया दर्द लिखा होता है।
मोहब्बत करने वाले कभी हारते नहीं, बस उनके दिल टूट जाते हैं।
जो दिल के करीब होते हैं, वही अक्सर दूर चले जाते हैं।